हाइड्रोजन बम क्या है क्यूँ है ये खतरनाक जानिए
POSTED ON FEBRUARY 5, 2016 BY KAMAL AGGARWAL
hydrogen bomb के बारे में बच्चे तो जानते है क्योंकि उन्होंने अपने किताबों में पढ़ा हुआ है क्योंकि यह नाभिकीय सलयंन का ही एक हिस्सा है जिस बारे में विज्ञानं में पढ़ाया जाता है लेकिन दुनियाभर के अख़बारों में फिर यह चर्चा का विषय इसलिए बना हुआ है क्योंकि नार्थ कोरिया ने हाल ही मैं hydrogen bomb को लेकर कुछ परीक्षण किये है जिसके बाद उसने दावा किया है कि कोरिया ने hydrogen bomb बनाने में सफलता हासिल कर ली है जबकि पूरी दुनिया अब अपने परमाणु हथियारों के जखीरे को कम करने और प्रसार पर रोक लगाने की दिशा में प्रयासरत है तो चलिए जानते है ऐसा क्या है जो चिंताजनक है hydrogen bomb in hindi के इस अंक में –
hydrogen bomb information in hindi
hydrogen bomb असल में एक नाभिकीय सलयंन में ही आता है और hydrogen bomb इसलिए खतरनाक है क्योंकि यह परमाणु बम का ही एक सुधरा हुआ रूप है इसलिए यह परमाणु बम से भी अधिक खतरनाक होता है इसमें हाइड्रोजन के ही समस्थानिको deuterium and tritium का इस्तेमाल किया जाता है नाभिकीय अभिक्रिया के लिए और इसमें परमाणु सलयंन की क्रिया से बड़ा ही भयंकर विस्फोट होता है | सामान्य ताप पर यह अभिक्रिया शुरू नहीं होती है क्योंकि सालयंन के लिए बहुत अधिक ताप की जरुरत होती है इतना कि जितना सूर्य के उच्चतम तापमान से भी अधिक का तापमान होता है | इसी वजह से इसके लिए परमाणु बम की सहायता से पहले वो ताप जो कि 500,00,000 से. तापमान पैदा किया जाता है ताकि सालयंन के लिए आवश्यक ताप को उत्पन किया जा सके इसके बाद यह अभिक्रिया शुरू होती है इस से बहुत अधिक मात्रा में ऊष्मा और हानिकारण विकिरण पैदा होते है जो बेहद खतरनाक होते है इसकी वजह से जन्हा पर यह विस्फोट किया जाता है वंहा पर जीवन के रहने की सम्भावना शून्य हो जाती है | सबसे पहले इसे अमेरिका ने बनाया और उसके बाद रूस और दूसरे देशो ने भी इसे बना लिया है और हाल ही में नार्थ कोरिया द्वारा खबरे चल ही रही है जो अपने सुनी होगी |
hydrogen bomb information in hindi
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कैसे काम करता है hydrogen bomb – hydrogen bomb के लिए चूँकि हाइड्रोजन परमाणु का इस्तेमाल होता है इसलिए इसे हाइड्रोजन एक्स्प्लोजन भी कहते है | इसके लिए दो चरण की जरुरत होती है सबसे पहले nuclear fusion की जरुरत होती है और दूसरी क्रिया में nuclear fission यानि विखंडन की क्रिया और ऐसे में शुरूआती क्रिया में फिजन होता है जिसकी वजह से x-rays निकलती है और जिस से निर्धारित तापमान जो fusion की क्रिया के लिए चाहिए होता है वो प्राप्त होता है जिसकी वजह से हाइड्रोजन के समस्थानिको के बीच सलयंन होता है फिर हाइड्रोजन के आईसोटोप बनते है जो दोनों एक दूसरे को विकर्षित करते है लेकिन x-rays की वजह से यह रेपेल कम होने लगता है और इसी वजह से इन आईसोटोप के fusion से बहुत अधिक मात्रा में उर्जा निकलती है और घातक किरने भी ऐसे में हाइड्रोजन तो हीलियम में बदल जाता है |
हाइड्रोजन बम से खतरा – चूँकि यह बम परमाणु विस्फोट से भी अधिक क्षति पैदा करने क्षमता रखता है क्योंकि इसमें परमाणु बम से कंही अधिक उर्जा रिलीज़ होती है जिसकी वजह से यह 1000 गुना अधिक तबाही मचा सकता है साथ ही यह atom bomb से छोटा भी होता है लेकिन शुक्र इस बात है कि इसका आज तक किसी भी वॉर में इस्तेमाल नहीं हुआ है जबकि atom bomb का इस्तेमाल अमेरिका जापान से युद्ध के समय में हिरोशिमा और नागासाकी पर कर चूका है जिसमे कुल 1,85,000 लोग मारे गये थे |
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